हम उन बातन के बारे हे कथन, जेखर बारे हे मूसा कर किताब हे हइ लिखवरे हबै, “भगवान अपन चेलन के निता तइयार करे हबै, ओही कउनो कबहुं नेहको देखे हबै, अउ न कउनो सुने हबै, अउ न कउ ओखर बारे हे सोचे हबै।”
इहैनिता, हे पिरिया भाई अउ बेहन, जब तुम ऊ रोज के ओरगे हबा, ता परियास करा कि परभु के नजर हे पवितर अउ निरदोस पाय जा, अउ तुम्हर हे ओखर सान्ति के निबास होय।
मै स्वरग लग अक्ठी आरो हइ आदेस देत सुनाई देथै, “लिख, धन्य हबै।” ऊ मिरतू, जउन अब लग परभु हे बिस्वास करत मरे हबै, आतमा कथै, “असनेन होय, ताकि ऊ अपन मेहनत के बाद आराम के सकै, काखे उनखर निक्खा काम उनखर संग हबै।”
सुना, मै चोरटा के जसना अइहों, धन्य हबै ऊ, जउन जगथै अउ अपन बन्डी के अपन संग धरथै, ताकि कहुं असना झइ होय कि ऊ बिना बन्डी के फिरै अउ मनसे के बिना बन्डी के बेज्जती होमैके पडै।
काखे ऊ मेमना जउन राजगद्दी के बीच हे हबै, उनखर देखभाल करही, ऊ उनके जीवन दे बाले पानी के झरना के लिघ्घो लइ जही अउ भगवान उनखर आंखी के हर आंसू के पोंछ देही।”