36 तुम उन हरवाहन के जसना बना जउन अपन मालिक के गली देखथै, कि ऊ काज लग कब लउटही, ताकि मालिक आयके कंवाड ठोकठोकाही, ता उन हरबी ओखर निता कंवाड उघाड दइ।
“हरमेसा तइयार रहा अउ अपन चिमनी बारे रखा।
धन्य हबै ऊ हरवाह जेही मालिक आयके जगे हर पइ, मै तुम्हर लग सही कथो, ओखर हरवाह बन्डी पहिरके उके खाना के निता बइठाही अउ खुदय उके खाना पोरसी।
आबा, हम खुसी मनइ अउ मगन हुइ जइ अउ भगवान के महिमा करी, काखे गेडरा के काज के टेम आ गय हबै अउ ओखर दुलहिन खुद के सजा लय हबै।
सुन, मै दूरा हे ठाढ हव अउ ठोकठोकाथो, अगर कउ मोर आरो के सुनथै अउ दूरा के खोलथै ता मै ओखर घर हे घुसिहों अउ ओखर संग बइठके खाना खइहों अउ ऊ मोर संग बइठके खाना खाही।