28 इहैनिता पटउरा के अगर भगवान चारा के जउन आज पटउरा हे हबै, अउ कल आगी हे डार दय जही, इहैमेर पहिराथै, ता हे सक्की बिस्वासी मनसे ऊ तुमके काखे नेहको पहिराही?
यीसु उनखर लग कथै, तुम्हर भित्तर बिस्वास कर कमी हबै, मै तुम्हर लग सही कथो कि अगर तुम्हर लिघ्घो राई के दाना के बरोबर बिस्वास हबै, ता तुम हइ डोंगर लग कइहा इछो लग उछो कढ जा, ता ओसनेन होही अउ तुम्हर निता कुछु काम कठिन नेहको होही।
इहैनिता जब भगवान पटउरा के चारा के सजउटी हइ सीमा तक करथै, जेखर जीवन चुटु टेम कर हबै अउ जउन आने रोज आगी हे लेस दय जही, का ऊ तुमही कहुं बोहत सोभायमान नेहको करही? कसना कमजोर हबै तुम्हर बिस्वास।
उन मनसे जउन भुंइ के जसना हबै, जउन बेर-बेर बरसा के पानी के सोंख लेथै अउ जोतै-बोमै बालेन के निता निस्तार होय बाले सबजी भाजी उपजाथै, जउन मनसे खेती बारी करथै ऊ भगवान लग आसीस पाथै।