26 अगर तुम अक्ठी नान काम नेहको कर सकथा, ता फेर दूसर बातन के चिन्ता काखे करथा?
मै तुम्हर लग कथो, चिन्ता झइ करा अउ न अपन जीवन चलामै के निता कि हम का खइ या का पी अउ न अपन देह के निता कि हम का पेहनी। का जीवन खाना लग अउ का देह के खुरथा पइजामा लग बढके नेहको हबै?
चिन्ता करके तुम्हर मसे कोहर अपन उमर के अक घरी बढाय सकथै।
पतेरा के फूलन के देखा, उन न मेहनत करथै अउ न काटथै, मै तुम्हर लग कथो, राजा सुलेमान अपन सगलू जीवन हे उनखर मसे कउनो अक्ठी के जसना बन्डी नेहको पहिन सकिस।
इहैनिता तुम हइ खोज हे झइ रहा, कि तुम का खइहा अउ का पीहा, अउ न एखर कउनो चिन्ता करा।
तुम अपन सगलू चिन्ता ओखर उप्पर छांड देया काखे ओही तुम्हर चिन्ता हबै।