25 चिन्ता करके तुम्हर मसे कोहर अपन उमर के अक घरी बढाय सकथै।
अउ न अपन मूड के किरिया खइहा, काखे तै अकोठे चूंदी के चरका अउ न करिया कर सकथस।
तुम मसे कउन असना मनसे हबै? जउन चिन्ता करके अपन उमर अक्ठी पल अउ बढाय सकथै।
अगर तुम अक्ठी नान काम नेहको कर सकथा, ता फेर दूसर बातन के चिन्ता काखे करथा?
ऊ धनी मनसे यीसु के देखै चाहथै, कि ऊ कोनहर हबै, पय मनसे के भीड के कारन ओही, ऊ नेहको देख सकथै, काखे कि ऊ बामन गुज्जी रथै।