44 हाय हबै तुमही काखे तुम छुपे हर मरघटी के जसना हबा, जिनखर मनसे अनजाने हे रेंगथै बागथै।
राई बिजहा सगलू बिजहा लग नान तो हबै, पय बढके सगलू सबजी भाजिन लग बड्डे हुइ जथै अउ असना रूख बनथै, कि बादर के चिरइया आयके ओखर डगइल हे सोथै।”
तब पोलुस उनखर लग कथै, अगर चरका पोतररे हर भीठी तोर उप्पर भगवान के मार पडही, तै इहां जुगाड के नियम के जसना मोर कसना नियाव करै के बइठे हबस, कि तै नियम के बिरोध हे मोके झापड मारै के आदेस देथस।