पथरा हे गिरेहर बिजहा ऊ मनसे हबै, जउन भगवान कर बचन के सुनके मगन लग उके सुइकार कर लेथै, पय उनखर हे जर नेहको हबै ऊ कुछ टेम बिस्वास करथै अउ परिक्छा के टेम उन बिस्वास हे ढिलवा हुइ जथै।
कउ असना परिक्छा तुम्हर हे झइ आबै, जउन सगलू मनसेन के निता सहै लग बाहिर हबै, भगवान बिस्वास हबै, ऊ तुमही कउनो असना परिक्छा हे नेहको परै देही, जउन तुम्हर सहै लग बाहिर होय पय ऊ परिक्छा के संग उपायो करही कि तुम बिस्वास हे मजबूत रही सका।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”