32 नीनवे सहर के मनसे नियाव के रोज हइ पीढी के संग अक जिघा हुइहिन, अउ हइ पीढी के बुराई करही, काखे उन योना के परचार सुनके मन फिराय रथै, पय आज इहां ऊ ग्यानी मनसे यूहन्ना लग बडा हबै।
नियाव के दिन नीनवे सहर के रहै बाले निबासी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड हुइ अउ उनही दोसी ठहराही, काखे उन योना के संदेस सुनके मन बदलथै अउ देखा, इछो तो कउ कउनो योना लग बड के हबै।
नियाव के रोज दख्खिन देस के रानी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाढ हुइ ऊ उनके दोस ठहराही, काखे ऊ सुलेमान के दिमाक लग परिपूर बात सुनै के निता दुनिया के ओराछोर लग, अउ देखा ऊ हइ हबै, जउन सुलेमान लग बड्डे हबै।