26 यीसु ओखर लग कथै, “मूसा कर नियम हे काहिन लिखररे हबै? ओहमा तुम काहिन पढथस?”
तब अक्ठी नियम के गुरू ठाड होथै अउ यीसु के परिक्छा लय के निता यीसु लग पूछथै, हे “गुरू सबरोज के जीवन पामै के निता मोके काहिन करै के चाही?”
पुजारी जबाब देथै, तै “अपन परभु भगवान के अपन सगलू मन अउ अपन सगलू परान, अउ अपन सगलू सक्ति अउ सगलू दिमाक लग अपन परभु लग माया करा, अउ अपन परोसी के अपन मेर माया करा।”
मूसा कर नियम हे आधारित नियाइपन के बारे हे लिखथै, जउन मनसे हइ बात के मानी, उके इनखर दवारा जीवन मिलही।
अब हमही हइ पता हुइ गइस कि नियम के निरदेस उनखरै लग कथै, जउन नियम के वस हे हबै, कि सबके मुंह बन्द हुइ जाय अउ पूर दुनिया भगवान के आगू निरनय के निता काबिल ठहरे।