53 ऊ भुखहन के बढिहा चीजन लग टुल्ल करिस, अउ धनिन के छूछे हाथ लउटा दइस।
धन्य हबै ऊ जउन नियाइपन के भूखे अउ पियासे हबै, काखे ऊ भरपूर करे जही।
ऊ अपन दया के सुरता करके, अपन सेबक इस्राएल के संभालिस।
“धन्य हबा तुम, जउन अबे भुखाय हबा, काखे तुम अघाय जइहा, धन्य हबा तुम जउन आज रोउथा, काखे तुम हसिहा।”
“पय हाय तुमही जउन तुम धनड्ड हबा, काखे तुम अपन सुख सान्ति पाय चुके हबा।”
यीसु उनखर लग कथै, जीवन के रोटी हे आंव, जउन मोर लिघ्घो आही, ऊ कबहुन भूखे नेहको रही अउ जउन मोर उप्पर बिस्वास करही, ऊ कबहुन पियास नेहको रही।
हे भाई अउ बेहन अपन बुलाय जाय के बारे हे सोचा कि दुनिया के नजर हे तुम्हर मसे बोहत कम मनसे ग्यानी, सक्तिसाली अउ होसियार रहिन।
तुम सोचथा कि जउन कउनो चीज के तुमही जरूरत रहिस, अब ऊ सब कुछ तुम्हर लिघ्घो हबै। तुम सोचथा कि अब हम धनी हुइ गय हबा, तुम हमर बिना राजा बन बइठे हबै, केतका निक्खा होतिस कि तुम सही हे राजा हुइता तकि तुम्हर संग हमु राज करतन।