44 अउ देख जसनेन तोर नमस्ते के आरो मोर कान तक पहुंचिस, ता मोर लादा के लरका खुसी लग उछल पडिस।
जब इलीसिबा मरियम के नमस्ते के सुनिस, ता लरका ओखर लादा हे उछल पडिस अउ इलीसिबा पवितर आतमा लग भरपूर हुइ गइस।
इलीसिबा कथै, मोके हइ किरपा कछो लग हुइस, कि मोर परभु के दाय मरियम मोर लिघ्घो आइस?
तै धन्य हबस जउन हइ बिस्वास करिन, कि परभु जउन कुछ बात गुठे हबै ऊ पूर हुइके रही।”
ऊ रोज मगन हुइके खुसी बनइहा अउ कुदिहा, काखे स्वरग हे तुमके इनाम मिलही, उनखर सियान ग्यानी मनसे के संग ओसनेन करथै।