34 मरियम स्वरगदूत लग कथै, “हइ कसके सम्भव होही? काखे मै तो कुमारी हव।”
ऊ सबरोज तक याकूब के घराना हे राज करी अउ ओखर राज के अंत कबहुन खतम नेहको होही।
स्वरगदूत जबाब देथै, “तोर लिघ्घो पवितर आतमा आही अउ परम परधान के सक्ति तोके अपन छाया हे लइ लेही, हइमेर ऊ पइदा लय बाले पवितर लरका भगवान कर टोरवा कहाही।
ठाड हो अउ सहर छो जा उहां तोके गुठे दे जही कि काहिन करै के हबै।”