नियाव के रोज दख्खिन के रानी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड होही अउ पाप करै के छांड दइहीं, काखे ऊ भुंइ के दूसर छोर लग सुलेमान के संदेस सुनै आथै अउ इछो तो सुलेमान लग महान हबै।
हइ बात हे मनसे ओखर लग कथै, “हम किताब के हइ बात सुने हबन कि मसीह सबरोज रही, फेर तै काखे कथस, कि मनसे कर टोरवा के उप्पर उठाय के जरूरी हबै, हइ मनसे के टोरवा कोन हर हबै?”