22 जब जकरयाह बाहिर आइस ता उनखर लग बोल नेहको सकिस, ता उन समझ गइन कि ऊ मन्दिर हे कउनो दरसन देखे हबै, ऊ उनखर लग हाथ हे इसारा करत रथै अउ मुंह लग बोल नेहको सकिस।
तब ऊ उनही हाथ लग इसारा करथै, कि सान्त रइहा अउ उनही गुठेथै, कि परभु कउन मेर लग मोके जेल लग निकार लाय हबै, फेर कथै याकूब अउ बोहत बिस्वासी भाई के हइ बात गुठे देबे, तब निकर के दूसर जिघा कढ जथै।