मसीह मनसेन के हाथ के बनाय हर पवितर जिघा हे, जउन निक्खा पवितर जिघा के अक्ठी चिन्हा रथै, नेहको घुसिस, जेखर दवारा मसीह हमर पल्ला स्वरग हे भगवान के लिघ्घो उपस्थिति हुइ सकै।
तब दूसर स्वरगदूत, सोना के धूप लइके आथै अउ बेदी के आगू ठाढ हुइ गइस, उके बोहत धूप दय गय रहै, जेखर लग ऊ उके सगलू पवितर सेबकन के बिनती के संग राजगद्दी के आगू बाले सोना के बेदी हे चढाय।