26 उन ओखर लग फेरै पूछथै, “ऊ मनसे असना का करिस कि तोर आंखी के उजेड मिल गइस?”
नियाव के गुरू अउ फरीसी हइ बात के ताक हे रथै, कि अगर यीसु सुस्ताय कर रोज कउनो के निक्खा करी, ता ओखर हे आरोप लगाय सकि।
तब मनसे ओखर लग पूछथै, “तोर आंखी कसना उघर गइस?”
हइ मेर फरीसी मनसे अक बेर फेरै पूछथै, “ऊ आंखी के उजेड कसना पाइस? ऊ गुठेथै, ऊ मोर आंखी हे माटी लगाइस फेर मै धोयों अउ अब देखथो।”
अन्धरा मनसे जबाब देथै, “मै नेहको जानथो, कि ऊ पापी हबै कि नेहको मै अक्ठी बात जानथो, कि मै अन्धरा रहों अउ अब मै देखथो।”
अन्धरा मनसे उनखर लग कथै, “मै तुमही गुठे चुके हव, पय तुम नेहको सुने हबा, अब दूसर बेर काहिन सुने के चाहथा? का तुमो ओखर चेला बने चाहथा?”