15 हइ मेर फरीसी मनसे अक बेर फेरै पूछथै, “ऊ आंखी के उजेड कसना पाइस? ऊ गुठेथै, ऊ मोर आंखी हे माटी लगाइस फेर मै धोयों अउ अब देखथो।”
उन फेरै अन्धरा मनसे लग पूछथै, “जउन तोर आंखी खोले हबै, ओखर बारे हे तै काहिन कथस?” ऊ जबाब देथै, “ऊ ग्यानी मनसे हबै।”