50 मै अपन बडाई नेहको चाहथो, पय अक्ठी हबै जउन बडाई चाहथै अउ ऊ भगवान हबै जउन नियाव करथै।
मै मनसेन लग महिमा नेहको चाहथो।
हइ झइ समझा कि मै बाफ के आगू तुम्हर उप्पर दोस लगइहों, तुम्हर उप्पर दोस लगामै बाले तो मूसा हबै, जेखर उप्पर आसा करथा।
जउन अपन तरफ लग बोलथै, ऊ अपन निता इज्जत चाहथै, पय जउन ओखर निता बडाई चाहथै, जउन उके पठोय हबै, ऊ सही हबै, अउ ओहमा कउनो खोट नेहको हबै।
यीसु जबाब देथै, “अगर मै खुद अपन महिमा करिहों, ता ऊ महिमा कउनो मतलब नेहको हबै, पय मोर महिमा करै बाले बाफ हबै, जेही तुम अपन भगवान मानथा।