यीसु उनखर लग कथै, “उजियार अब चुटु देर तक तुम्हर बीच हे रही, जब तक उजियार तुम्हर संग हबै, तब तक आगू बढत जा, असना झइ होय कि अंधियार तुमही आयके घेरय। जउन अंधियार हे रेंगथै, ऊ नेहको जानथै कि कछो जथै।
हइ समुन्दर के उछाल लेहरा के जसना हबै, जउन अपन लज्जा गेजरा के रूप हे उछलथै, हइ रास्ता लग भटकत तरइया हबै, जेखर निता हरमेसा के निता बोहत अंधियार हे छांड दय हबै।
फिर जउन स्वरगदूत अपन पद के बनाय नेहको रखिस, पय अपन निबास हक के छांड दइस, ऊ उनके ऊ भयानक नियाव के रोज के निता अंधियार हे जउन सबरोज के निता हबै बन्धन हे रखे हबै।