38 जउन कउ मोर हे बिस्वास करथै, ऊ अपन पियास बुझामै। जसना कि पवितर किताब हे लिखवरे हबै, ओखर भित्तर लग जीवन के पानी के नदिया बह निकडही।”
यीसु जबाब देथै, अगर तै भगवान के बरदान के जानथस अउ इहो जानथस कि ऊ कउन हबै जउन तोर लग कथै, “मोके पानी पिला, ता तै ओखर लग मांगबे अउ ऊ तोके जीवन के पानी देही।”
पय जउन कउ मोर दय हर पानी के पीहीं, उके पियास कबहुन नेहको लगही, जउन पानी उके मै देहुं, पानी ओहमा झरना बन जही, जउन जीवन भर के निता झिरही।”
जछो उजियार हबै, उछो हर मेर के भलाई, नियाइपन धरमी काम अउ सच्चाई पइदा होथै।