17 अगर कउ ओखर इक्छा पूर करै के ठान लेही, ता ऊ हइ जान जही कि मोर सिक्छा भगवान के तरफ लग हबै या अपन तरफ लग बोलथो।
देह के चिमनी आंखी हबै, इहैनिता अगर तुम्हर आंखी निक्खा हबै, ता सगलू देह उजेड होही।
निक्खा भुंइ लग गिरेहर बिजहा ऊ मनसे हबै, जउन बचन सुनके उके सच्चे अउ निस्कपट मन हे समार के रखथै अउ अपन धीर धरै के कारन फडुहा लानथै।
जउन मनसे सही हे चलथै, ऊ उजियार के लिघ्घो आथै, ताकि ओखर नाम परगट हो, कि ऊ भगवान के पल्ला लग करे गय हबै।
तुम मोर बात इहैनिता नेहको समझथा कि तुम्हर हे मोर बचन सुनै के छमता नेहको हबै।
तुम तो अपन बाफ भुतवा लग हबा अउ अपन बाफ के इक्छा के पूर करै के चाहथा, ऊ तो सुरू लग खूनी रथै, ऊ सत्य हे ठाड नेहको रथै, काखे ओखर हे सत्य नेहको हबै जब ऊ झूठ बोलथै, ता अपनेन आदत के जसना बोलथै, काखे ऊ झूठा हबै अउ झूठ कर बाफ हबै।
जउन भगवान के हबै, ऊ भगवान के बात सुनथै, तुम इहैनिता नेहको सुनथा, कि तुम भगवान के नेहको हबा।”
हइ मनसे तो थिस्सलुनीके के यहूदियन लग भले रहिस अउ उन बोहत लग बचन गरहन करिन अउ सबरोज पवितर किताब हे खोजथै, कि हइ बात योंही हबै कि नेहको।