अगर तुम दुनिया के हुइता, ता दुनिया तुमही अपन समझ के माया करतिन, पय तुम दुनिया के नेहको हबा, काखे मै तुमही दुनिया लग चुने हव, इहैनिता दुनिया तुम्हर लग बैर करथै।
तुम तो अपन बाफ भुतवा लग हबा अउ अपन बाफ के इक्छा के पूर करै के चाहथा, ऊ तो सुरू लग खूनी रथै, ऊ सत्य हे ठाड नेहको रथै, काखे ओखर हे सत्य नेहको हबै जब ऊ झूठ बोलथै, ता अपनेन आदत के जसना बोलथै, काखे ऊ झूठा हबै अउ झूठ कर बाफ हबै।