भगवान के मन्दिर का मूरती लग का रिस्ता? काखे हम खुद ऊ जिन्दा भगवान के मन्दिर हबन, जसना कि भगवान कथै, “मै उनखर भित्तर निबास करिहों, चलिहों फिरिहों, मै उनखर भगवान हुइहों, अउ ऊ मोर मनसे बनहिन।”
जउन भगवान के आदेसन के मानथै, अउ उहै हे बने रथै, अउ ओखर हे भगवान निबास करथै, इहैमेर ऊ आतमा के दवारा जेही भगवान हमके दय हबै, हम हइ जानथन कि भगवान हमर भित्तर रथै।