51 स्वरग लग उतरे हर ऊ जीवन के रोटी हे आंव, अगर कउ हइ रोटी मसे खाही, ता ऊ सबरोज जिन्दा रही अउ जउन रोटी मै देहुं, ऊ मोर देह हबै जउन मै दुनिया कर मनसेन के निता बलि करिहों।
जसना कि मनसे कर टोरवा ऊ इहैनिता नेहको आय हबै कि ओखर सेबा करे जाय, पय इहैनिता आय हबै कि खुदय सेबा करै अउ बोहत मनसेन के पाप लग छंडामै के निता अपन जीव दे।
यीसु रोटी लेथै अउ भगवान के धन्यबाद करै के बाद रोटी टोरथै अउ अपन चेलन के हइ कहिके देथै, हइ मोर देह हबै जउन तुम्हर निता दय जथै कि मोर सुरता हे इहैमेर तुम करिहा।
मै तुम्हर लग सही कथो, जउन मोर बचन सुनके मोर पठोय बाले भगवान के उप्पर बिस्वास करथै, सबरोज के जीवन ओखरेन हबै अउ ओखर हे सजा के आदेस नेहको होथै, पय ऊ मिरतू के पार करके जीवन हे घुस चुके हबै।
हमर संदेस हबै कि भगवान मनसे के पाप के अनदेखा करत मसीह के दवारा उनके अपन हे दुनिया के मेल करा लय हबै अउ उहै मनसेन के भगवान लग मिलामै के संदेस हमके सउपे हबै।