49 तुम्हर पुरखा पतेरा हे रोटी खाइन तउभरमा मर गइन।
हमर परदादा पतेरा हे मन्ना खाइन, जसना लिखवरे हर हबै, ऊ खाय के निता उनही स्वरग लग मन्ना दइस।
इहै ऊ रोटी हबै, जउन स्वरग लग उतरे हर हबै, हइ ऊ रोटी के जसना नेहको हबै, जउन सियानन खाय रथै, उन तो मर गइन, पय जउन हइ रोटी खइहीं, ऊ हरमेसा जिन्दा रही।
काखे जब तुम हइ सगला जानथा तबो मै तुमके सुरता दिलामै चाहथो कि परभु अक्कै बेर इस्राएलियन के मिस्र देस लग छंडाय रथै, पय बाद हे उन मनसे के नास के दइस जिनही बिस्वास नेहको करे रथै।
जेखर कान हबै ऊ सुन ले कि पवितर आतमा मंडलिन लग काहिन कथै। “जउन जीत जही, मै उके स्वरग हे लुके हर मन्ना देहुं, मै उके अक्ठी चरका पथरा देहुं, जेखर उप्पर अक्ठी नबा नाम होही, जउन ओखर सिबाय अउ कउ नेहको जानथै जेही ऊ दय गय हबै।”