31 हमर परदादा पतेरा हे मन्ना खाइन, जसना लिखवरे हर हबै, ऊ खाय के निता उनही स्वरग लग मन्ना दइस।
यीसु उनखर लग कथै, मै तुम्हर लग सही-सही कथो कि मूसा तुमही ऊ रोटी स्वरग लग नेहको दइस, बलुक मोर बाफ तुमही स्वरग लग सही रोटी देथै।
तुम्हर पुरखा पतेरा हे रोटी खाइन तउभरमा मर गइन।
इहै ऊ रोटी हबै, जउन स्वरग लग उतरे हर हबै, हइ ऊ रोटी के जसना नेहको हबै, जउन सियानन खाय रथै, उन तो मर गइन, पय जउन हइ रोटी खइहीं, ऊ हरमेसा जिन्दा रही।
अउ सबझन अक्ठिन आतमिक खाना खाइन,
जेखर कान हबै ऊ सुन ले कि पवितर आतमा मंडलिन लग काहिन कथै। “जउन जीत जही, मै उके स्वरग हे लुके हर मन्ना देहुं, मै उके अक्ठी चरका पथरा देहुं, जेखर उप्पर अक्ठी नबा नाम होही, जउन ओखर सिबाय अउ कउ नेहको जानथै जेही ऊ दय गय हबै।”