जउन मनसे पानी के डोलय के ओरगत रथै काखे उन मानथै कि भगवान कर स्वरगदूत झिरिया हे उतर के पानी के डोलय करथै, पानी डोलतै मन्तर जउन कउ आगुन कूदथै, ऊ निक्खा होय जथै, चाहे ओखर कउनो मेर के बिमार काहेका झइ होय।
पय अब हम नेहको जानथन कि हइ कइसन देखै लगिस, या कउन एखर आंखी के उजेड दय हबै, ऊ लरका तो नेहको हबै, तुमिन एखर लग खुदय पूछ लेया, ऊ अपन बारे हे खुदय गुठे देही।”
कुछ मनसे अक्ठी मनसे के लइ जथै, जउन पइदाइस लग लेंगरा रथै, उन उके रोजदिना लान के बिनती भवन के सुन्दर नाम के दूरा के लिघ्घो छांड देथै, जेखर लग ऊ बिनती भवन के भित्तर जाय बालेन लग भीख मांग सकै।