हर मेर के पराथना बिनती अउ निबेदन सहित आतमा के मदद लग हर मउका हे पराथना करत रहा, हइ लक्छ लग सगलू मेर के परयास करत रहा सचेत रहा, अउ सगलू पवितर सेबकन के निता पराथना करा।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।