स्वरग लग उतरे हर ऊ जीवन के रोटी हे आंव, अगर कउ हइ रोटी मसे खाही, ता ऊ सबरोज जिन्दा रही अउ जउन रोटी मै देहुं, ऊ मोर देह हबै जउन मै दुनिया कर मनसेन के निता बलि करिहों।
पय जउन बिस्वास के दवारा नियाइपन हबै ओखर निता असना लिखे हबै, कि तुम अपन हिरदय हे असना बिचार झइ करा कि स्वरग हे उप्पर कोहर चढी मतलब मसीह के तरी लामै के निता।