9 काखे उन अब तक पवितर किताब के ऊ लेख नेहको समझ पाथै, जउन मेर यीसु कर मिरतू मसे जिन्दा होय के जरूरी रथै।
यीसु उनही जबाब देथै, का तुम पवितर किताब अउ भगवान के सक्ति के नेहको जानथा, इहैनिता तुम गलत सोचत बिचारत हबा।
काखे मसीह के निता हइ जरूरी नेहको रहिस, कि ऊ दुख उठा के अपन महिमा हे परबेस करी?
पय हइ बात उनखर समझ हे नेहको आइस, एखर मतलब उनखर लग लुके रही गइस, कि कहुं उन समझ न ले, उन एखर बारे हे यीसु लग पूछै के डरथै।
इहैनिता जब ऊ मरे मसे जी उठथै, तब ओखर चेलन के सुरता आथै, कि यीसु कहे रथै अउ उन पवितर किताब अउ ऊ बचन हे जउन यीसु कहै रथै, बिस्वास करथै।
अउ पवितर किताब लग लइके उनके समझाउत हइ सिध्द करथै, कि मसीह के समस्या झेलै के रथै अउ उके मरे हर मसे जी उठै के जरूरी रथै, ऊ कथै, “हइ यीसु हबै, जेखर मै तुम्हर बीच हे परचार करथो, मसीह हबै।”
पय भगवान उके मरै के पीरा लग छंडाइस अउ फेरै लग जियाइस, मिरतू हे एतका सक्ति नेहको रथै, कि उके बन्दी बनाय के रखै।
अउ उके मरघटी के गुफा हे रखे गइस, अउ पवितर किताब के जसना तीसर रोज जिन्दा हुइ गइस,