इहैनिता मै तुमही गुठेथो, कि मै तुम्हर लिघ्घो ग्यानी मनसे अउ दिमाक बाले अउ गुरू के पठोहूं, तुम उन मसे कुछ के मार डरिहा अउ बोहतन के क्रूस हे टंगइहा अउ कुछ के अपन मंडली हे कोडा मरिहा अउ सहर-सहर हे मारत फिरिहा।
मै उनखर हे अउ तै मोर हे, जेखर लग उन पूरी तरह लग अक्ठी हुइ जाय अउ दुनिया हइ जान लेय कि तै मोके पठोय हबस अउ जउन मेर तै मोर लग माया करे, उहै मेर उनखरो लग माया करे हबस।
काखे जउन बचन तै मोके दय, मै उनही दइ दय हव, उन उके स्वीकार करे हबै, सही हे जान गय हबै, कि मै तोर पल्ला लग आय हव, अउ बिस्वास कर लय हबै, कि तहिन मोके पठोय हबस।