हइ ऊ रोज होही जब परभु अपन पवितर मनसेन के बीच महिमा के संग परगट होही अउ उन सब हे चकित के कारन बन जइही, जउन बिस्वास करे हबै, काखे तुम हमर गवाह हे बिस्वास करे हबा।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।