8 जब ऊ दुनिया हे आही, ता पाप, नियाइपन अउ सजा के बारे हे दुनिया के दोसी सिध्द के देही।
तउभरमा मै तुम्हर लग सही कथो, मोर जाना तुम्हर निता फायदा हबै, अगर मै नेहको जहुं, ता ऊ मददगार तुम्हर लिघ्घो नेहको आही, अगर मै जहुं, ता ओही मै तुम्हर लिघ्घो पठोहूं।
पाप के बारे हे काखे उन मोर हे बिस्वास नेहको करथै।
तुम मसे कउन मोर हे पाप के दोस लगाय सकथै, अगर मै सही बोलथो, ता तुम मोर हे बिस्वास काखे नेहको करथा?
हइ सुनके बडका लग लइके नान तक सबके सब अक्ठी-अक्ठी करके बाहिर निकड जथै, केबल यीसु अउ ऊ डउकी, जउन ओखर आगू ठाड रथै रही गइस।
मनसे जब हइ सुनथै ता उन चकित होथै पतरस अउ चेलन लग कथै, “हे भाइयो हमके काहिन करै चाही?”
अगर सगलू आगू कर बात करै लग जाय अउ उछो कउ असना मनसे भित्तर घुस आबै, जेही हइ सब नेहको समझत होय, या उछो कउ अबिस्वासी घुस आबै ता ऊ अपन के पापी समझही अउ परख लेही,
सगलू मनसेन के नियाव करै के निता आउत हबै, ताकि मनसे जउन बुरा काम करे हबै, ऊ उनखर निता अउ उन जउन पापी भगवान के बिरोध बुरा बचन बोले हबै, उनही हर अकझन के सजा दे।