21 पीरा के टेम आमै लग डउकी के दुख होथै, काखे ओखर टेम आय गय हबै, पय जब लरका पइदा करै के बाद ऊ अपन दुख के बिसर जथै, काखे उके खुसी होथै कि दुनिया हे अक्ठी मनसे के जनम होय हबै।
जसना लिखवरे हबै, “हे बांझ डउकी तै जउन लरका पइदा करै हे कमजोर हबस, खुसी होय तै जउन दरद पीरा लग अनचिन्हार हबस, खुसी बनाबा काखे छांडे हर के लरका, काज करे हर के लरका लग बोहत हबै।”
जब मनसे हइ कइहीं, “अब तो सान्ति अउ कउनो समस्या नेहको हबै,” तबै बिनास गरभबती के टेम दरद-पीरा के मेर, उनखर हे अचनकै आय पडही अउ उन ओखर लग नेहको बच पइहीं।