20 मै तुम्हर लग सही-सही कथो, कि रोइहा अउ छाती पिटिहा, पय दुनिया खुसी मनइ, तुम दुखी हुइहा, पय तुम्हर दुख खुसी हे बदल जही।
पय किसान टोरवा के देखके अपनै हे गुठेमै लग जथै, हइ तो हइ बगिया के हकदार हबै, ता आबा इहो के मार डारी अउ एखर बगिया के झटक लइ।
धन्य हबै ऊ जउन सोक करथै, काखे उनके सान्ति मिलही।
तब दूसर बार कुकडी बांसथै, तब पतरस के ऊ बात सुरता आथै, जउन यीसु कहे रथै, एखर पहिले कि कुकडी दुइ बार बांसही, तै तीन बार मोके मना करबे, ई बात के सोचके पतरस सिसक-सिसक के रोमै लागथै।
जउन मनसे यीसु के संग रथै, ऊ रोउत रहिन अउ दुख हे पडे रथै, उनही मरियम मगदलीनी जाय के गुठेथै।
ता यीसु बिनती करके उठथै अउ अपन चेलन के लिघ्घो आयके, उनही उदास के मारे सोउत पाथै।
अउ पतरस भीड लग बाहिर छो निकडके, सिसक-सिसक के रोथै।
मनसेन के कडुक बड अक्ठी भीड यीसु के पाछू रेंगत रथै अउ एहमा कुछ डउकियो रथै, जउन ओखर निता रोउत रथै अउ दुखी होथै।
यीसु उनखर लग कथै, तुम गली हे रेंगत अक दूसर लग केखर बारे हे चरचा करथा? अउ उन निरास ठाडे रही गइन।
हम आसा करथन कि उहै इस्राएल के मुकति करी, हइ सगलू बात के अलाबा हइ आज तीसर रोज आगू के घटना हबै।
“धन्य हबा तुम, जउन अबे भुखाय हबा, काखे तुम अघाय जइहा, धन्य हबा तुम जउन आज रोउथा, काखे तुम हसिहा।”
मै तुम्हर लग हइ सब इहैनिता कहे हव, कि तुम मोर हे सान्ति पाय सका, दुनिया हे तुमही दुख सहै का पडही, पय हिम्मत धरा, मै दुनिया के जीत लय हव।”
मै जउन बात तुम्हर लग कहे हव, इहैनिता तुम्हर मन चिन्ता लग भर गय हबै।
अउ हइ कहिके यीसु अपन हाथ कोंखी उनही दिखाइस, तब चेला परभु के देखके खुस होथै।
काखे चेला असना समझथै कि यीसु नाम कर निता कम से कम मार सहै के काबिल ठहरन।
एतको नेहको, परभु यीसु मसीह के कारन हम भगवान हे मगन हवन, जेखर कारन हम हइ मेलजोल के दसा तक पहुंचे हबन।
हम दुखी हबन, फिर भी हम हर टेम खुसी हबन, हम गरीब हबन, पय हम बोहत मनसे के धन्नड बनाथन, हमर लिघ्घो कुछु नेहको हबै, फिर भी सब कुछ हमर हबै।
पय आतमा के फडुहा माया, खुसी, सान्ति, धीरज, किरपा, दया, बिस्वास,
तुम हमर अउ परभु के आदेस के माने हबा, अउ बोहत परेसानी के सामना करत पवितर आतमा के प्रोत्साहन लग खुसी लग संदेस के स्वीकारे हबा।
हे मोर भाई अउ बेहन, जब तुम्हर उप्पर कइन मेर के परिक्छा हे पडा, तब इके बडा खुसी के बात समझिहा।
अब जउन तुमही ठोकड खाये लग बचा सकथै, अउ ओखर महिमा के उपस्थित हे तोके बडा खुसी के संग निरदोस करके परस्तुत के सकथै।
भुंइ के रहैबाले उनखर मिरतू हे खुसी मनइहिन, इहां तक कि उन अक दूसर के दान दइहिन काखे हइ दोनो ग्यानी मनसे भुंइ के रहैबाले के बोहत दुख दय रथै।
जेतका ऊ अपन बडाई करिस अउ सुख-विलास करिस, ओतनै उके पीरा अउ दुख देया, काखे ऊ अपन मन हे कथै, मै रानी के जसना राजगद्दी हे बइठे हव, मै बिधवा नेहको हबो, अउ कबहुन सोक नेहको मनइहों।