17 ऊ सत्य के आतमा हबै, जेही दुनिया स्वीकार नेहको करथै, काखे दुनिया न तो ओही देखे हबै, अउ न ओही जानथै, तुम ओही जानथा, काखे ऊ तुम्हर हे निबास करथै, अउ ऊ तुम्हर संग हरमेसा बने रही।
जब ऊ सही के आतमा आही, ता तुमही सगलू सही के रास्ता तुमही गुठेही, काखे ऊ अपन तरफ लग नेहको कहि, बलुक ऊ जउन कुछु सुनही उहै कहि अउ तुमही आमै बाले बातन के बारे हे गुठेही।
बिना आतमा के मनसे भगवान कर आतमा के बात के गरहन नेहको करथै, काखे इनही ऊ मूरुख मानथै अउ उके समझै लग बाहिर हबै, काखे आतमा के सहायता लग ऊ सिक्छा के परख पवितर आतमा के दवारा करे जथै।
का तुम नेहको जानथा कि तुम्हर देह पवितर आतमा के मन्दिर हबै? ऊ तुमही भगवान के तरफ लग मिले हबै, अउ ऊ तुम्हर भित्तर रथै, अउ ऊ आतमा हे तुम्हर कउनो हक नेहको हबै,
अउ खुद के परखा कि तुम बिस्वास हे हबा कि नेहको, खुद के जांचा, का तुमके पता नेहको हबै, कि यीसु मसीह तुम्हर भित्तर रथै, अगर नेहको ता तुम जांच हे ढिलवा निकरे हबा।
भगवान के मन्दिर का मूरती लग का रिस्ता? काखे हम खुद ऊ जिन्दा भगवान के मन्दिर हबन, जसना कि भगवान कथै, “मै उनखर भित्तर निबास करिहों, चलिहों फिरिहों, मै उनखर भगवान हुइहों, अउ ऊ मोर मनसे बनहिन।”
भगवान उनके दिलामै चाहथै कि गैर यहूदी हे ई रहस्य के केतका महिमामय समरध्दी हबै, ऊ रहस्य हइ हबै, कि मसीह तुम सबके बीच हबै, अउ उन हे तुम सबके महिमा के आसा हबै।
जउन अभिसेक तुम मनसे मसीह लग पाय हबा, ऊ तुम्हर हे मवजूद रथै, इहैनिता तुमही जरूरत नेहको कि कउनो मनसे सिखामै, मसीह लग मिले हर अभिसेक तुमही सगलू कुछ सिखाथै, ओखर सिक्छा सत्य हबै असत्य नेहको ऊ सिक्छा के जसना तुम मसीह हे बने रहा।
जउन भगवान के आदेसन के मानथै, अउ उहै हे बने रथै, अउ ओखर हे भगवान निबास करथै, इहैमेर ऊ आतमा के दवारा जेही भगवान हमके दय हबै, हम हइ जानथन कि भगवान हमर भित्तर रथै।
पय हम भगवान के हबन इहैनिता जउन भगवान के जानथै, ऊ हमर सुनथै पय जउन भगवान के नेहको जानथै, ऊ हमर नेहको सुनथै, हइ कारन हम सत्य के आतमा अउ भरमाय बाले आतमा के चीन्ह सकथन।