29 तब जउन मनसे ठाढ हुइके सुनथै, उन कथै, कि बादर गरजिस, कुछ मनसे कथै, “स्वरगदूत ओखर लग बोले हबै।”
जउन मनसे ओखर संग यातरा करत रहिन, अक्का-बक्का हुइ जथै, उन आरो तो सुनथै पय कउनो के नेहको दिखथै।
तब भगवान के मन्दिर, जउन स्वरग हे हबै, खोल दय गइस अउ ऊ मन्दिर हे उनखर टीमा के पेटी दिखथै, उहै टेम बिजली चमकै लगिस अउ बादर के गडगडाहट गरजन हुइस अउ अक्ठी भुंइडोल हुइस अउ बडा-बडा ओर गिरिस।
तब मोके स्वरग लग अक्ठी आरो सुनाई दइस, जउन प्रचन्ड आंधी के आरो के जसना अउ जउन बडा गरजन के आरो के जसना रथै, हइ आरो, जउन मै सुने रहों, असना रथै माना कइन मेर के बसुरी बजामै बाले बजाउत होय।
मै देखो कि गेडरा उन सात सीलन मसे पहली सील खोलिस, ऊ टेम मै चार परानी मसे अक्ठी के बिजली गाज के जसना आरो हे हइ कहत सुनो, “आबा”
एखर बाद स्वरगदूत धूपदान लइके उके बेदी के आगी लग भरिस अउ भुंइ हे फटक दइस, जेखर लग बादर के गरजन, गडगडाहट अउ बिजली चमकय लगिस अउ भुंइडोल हुइस।