48 अगर हम उके ओसनेन रहै देथन ता सगलू कउ ओखर हे बिस्वास कर लइहिन अउ रोमी मनसे आय के हमर मंदिर अउ हमर मनसेन के नास कर दइहिन।”
राजा के बोहत गुस्सा आथै, अपन सिपाही पठोय के उन सगलू मारै बालेन के मरवा डारथै अउ उनखर सहर के लेस देथै।
इहैनिता गली के चवराहा हे जा अउ जेतका मनसे तुमही मिलही, उन सब झन के काज के भन्डारा हे बोलाय लाबा।
“इहैनिता जब तुम बोहत नास चीज के, जेखर बारे हे दानिय्यल ग्यानी मनसे दवारा करै गय हबै, मन्दिर के पवितर जिघा हे ठाड हुइके देखा” पढय बाले खुदय जान जथै कि एखर मतलब काहिन हबै।
सगला मनसे जबाब देथै, “एखर खून के जबाबदारी हमर हे अउ हमर लरकन हे होही।”
“हाय हबै तुमही, नियम के गुरू मनसे ग्यान के चाभी तो पाय गय हबा, अउ तुम खुद परवेस नेहको करे हबा अउ जउन परवेस करथै, उनोन के रोक दय हबै।”
गली के पाखा हे जउन बिजहा गिरथै, ऊ मनसे हबै, जउन बचन सुनथै, पय कहुं असना झइ होय कि ऊ बिस्वास करै अउ मुकति पाय ले, इहैनिता भुतवा आयके ओखर मन लग बचन लइ जथै।
यूहन्ना गवाही दे के निता आथै, कि ऊ उजियार के बारे हे गवाही दे, जेखर लग सगलू मनसे ओखर दवारा बिस्वास करै।
“का हम तुमही कडाइ लग चेताय नेहको रहन, कि हइ नाम लग सिक्छा झइ दइहा, पय तुम सगलू यरुसलेम अपन सिक्छा लग भर दय हबा अउ हइ मनसे के खून के अरोप हमर उप्पर लादत हबा।”