46 पय उनखर मसे कुछ मनसे फरीसिन के लिघ्घो जाय के यीसु के काम के खबर देथै।
पंडित अउ फरीसी हइ आदेस दे रथै, कि अगर कउ मनसे जानथै कि यीसु कछो हबै, ता ऊ एखर पूर खबर दे, ताकि उके पकड सकि।
तउभरमा यीसु उनखर आगू हइ सगलू चकित के चिन्ह परगट करिस पय मनसे बिस्वास नेहको करिन।
फरीसी हइ सुनिन कि मनसेन हे यीसु के बारे हे हइ मेर के खुसफुसाय लग जथै अउ पंडित अउ फरीसिन ओही पकडै के निता सिपाहिन के पठोथै।
तब सिपाही पंडित अउ फरीसी के लिघ्घो लउथै, तब उन उनखर लग पूछथै, “तुम पकडके ओही काखे नेहको लाया?”
कुछ मनसे ऊ मनसे के जउन पहिले अन्धरा रथै, उके फरीसिन के लिघ्घो लइ जथै।
एतकै हे कउनो आयके उनही संदेस गुठेथै, “देखा जउन मनसेन के जेल हे बेड दय रहा, उन बिनती भवन हे ठाड हुइ के मनसेन के सिक्छा देथै।”