19 मोर भाई अउ बेहन, अगर तुम्हर मसे कउ सही रास्ता लग भटक जइही अउ कउ दूसर उके फेर लनहीं,
अगर तुम्हर भाई तोर बिरोध अपराध करथै, ता अकेल्ले हे जाय के ओही समझा, अगर ऊ तोर बात के सुनही, ता तै अपन भाई के जीत लय हबस।
पय मै तुम्हार निता बिनती करे हबो, कि तुम्हर बिस्वास झइ डगमगाय अउ जब तै लउटबे ता तोर भाई के बल बढही।
हे भाई बेहन अगर कउ मनसे कउनो अपराध हे पकडे जाय ता तुम जउन आतमिक हबा, सज्जन के संग असना के संमारै, अउ अपनो खयाल रखै कि तुमो परिक्छा हे झइ पडा।
काखे पइसा के लालच सगलू बुराई के जर हबै, इहै लालच हे पड के कइ मनसे बिस्वास के रास्ता लग भटक गय अउ उन अपन हिरदय के कइन मेर के दुख लग छलनी बनाय दय हबै।
काखे कुछ मनसे उनके स्वीकार करत बिस्वास लग भटक गय हबै, भगवान के अनुगरह तुम्हर संग रहै।
जउन हइ बताय के जिन्दा होय चुके हबै सही लग भटक गय हबै, अउ बोहत झन के बिस्वास के उलट पुलट के देथै।
ऊ बिना समझदार अउ भुलाय भटके मनसेन के संग कोवड बेउहार के सकथै, काखे ऊ खुदय ढिलवन लग घररेहर हबै।
हे मोर पिरिया भाई अउ बेहन, तुम धोखा झइ खा।
हे मोर पिरिया भाई अउ बेहन, तुम हइ अच्छी तरह लग समझ लेया, हर मनसे सुनै के निता तइयार रहा, पय बोलैका अउ गुस्सा करै हे धीम रहा,
अगर तुम्हर मन कडवा जलन अउ मतलब लग भररे हर हबै, ता एखर घमंड करत झूठ के सही बनाय के पेस झइ तो करा।
ता हइ समझही कि जउन कउनो भटके हर पापी के फेरै ले आनथै, ऊ ओखर आतमा के मिरतू लग बचाय हबै अउ बोहत पापन के मूंद देथै।
हे प्रिजन भाई अउ बेहन, मै तुमही पहिले लग चेतन्त करे हबै, तुम सावधान रहा। कहुं असना झइ होय कि तुम उन दुस्टन के बहकाव हे आय के अउ अपन बिस्वास लग डगमगाय के गिर जा।
हइ मनसेन के उप्पर लानत हबै, जउन कैन के रास्ता हे चलथै, हइ पइसा के लालच के कारन उन उहै गलती करिन जउन बिलाम करे रथै, अउ उहै मेर नास हुइन जउन मेर कोरह बिरोध करके नास हुइ गय रथै।