“हे यरुसलेम, हे यरुसलेम, तै ग्यानी मनसेन के हत्या करथस अउ अपन लिघ्घो पठोय हर संदेस देय बालेन के पथरन लग मार डारथस, मै केतका बेर चाहो कि तोर लरका के अक जिघा कर लो, जसना कुकडी अपन लरकन के अपन डेखना के तरी अक जिघा कर लेथै, पय तै मोके हइ करै नेहको दय।
जरूरी हबै कि ऊ स्वरग हे ऊ टेम तक रही, जब तक कि हइ सगलू बात पहिलेन जइसन सुधारे नेहको जही, बोहत पहिलेन लग जेखर बारे हे भगवान अपन पवितर ग्यानी मनसेन के दवारा गुठे हबै।
हे भाई अउ बेहन, अक दूसर के बुराई झइ करा। जउन अपन भाई या बेहन के बुराई करथै या अपन भाई या बेहन के नियाव करथै, ऊ मूसा कर नियम के बुराई अउ ओखर नियाव करथै। अगर तुम मूसा कर नियम के नियाव करत हबा, ता तुम ओखर नियम के पालन नेहको, बलकि सजा देय बाले बन बइठे हबा।
इहैनिता हे भाई, परभु के आमै तक धीर धरा। जसना किसान भुंइ के देख ले जउन खेत के मंगहा फसल के निता तब तक धीर धरथै जब तक ऊ सुरू के अउ आखरी बरसा नेहको देख ले।