9 अपन दुरदसा पहिचान के दुख मनाबा अउ आंसू बहाबा, अपन हसी दुख हे अउ अपन खुसी उदासी हे बदल डारा।
उन यीसु लग कथै, ऊ उन बेकार मनसेन के मार डारी अउ अपन बगिया के ठेका दूसर किसानन के दइ देही, जउन टेम हे फडुहा के हिस्सा देयत रइहीं।
धन्य हबै ऊ जउन सोक करथै, काखे उनके सान्ति मिलही।
अब्राहम ओखर लग कथै, टोरवा सुरता कर कि तुमके जीवन हे बढिहा चीज पाय चुके हबस अउ लाजर के बेकार चीज, पय अब ऊ सान्ति पाथै, पय तै तडपथस।
“धन्य हबा तुम, जउन अबे भुखाय हबा, काखे तुम अघाय जइहा, धन्य हबा तुम जउन आज रोउथा, काखे तुम हसिहा।”
हाय तुमही जउन अबे अघाय गय हबा, काखे तुम भुखाय हर रहिया, हाय तुमही जउन अबे हसथा, काखे तुम दुख होही अउ रोइहा।