16 पय तुम अपन बडाई हे घमंड करत हबा, हइ घमंड पाप लग भरे हबै,
तुम्हर घमंड करै के बिलकुन अच्छा नेहको हबै, का तुम नेहको जानथा कि चुटु हस खमीर लग सगलू गुडरेहर पीसान खमीर हुइ जथै?
अगर तुम्हर मन कडवा जलन अउ मतलब लग भररे हर हबै, ता एखर घमंड करत झूठ के सही बनाय के पेस झइ तो करा।
दुनिया हे जउन देह के लालच अउ आंखी के लालच अउ धन डेरा के घमंड, ऊ बाफ लग नेहको बलुक दुनिया लग आथै।
जेतका ऊ अपन बडाई करिस अउ सुख-विलास करिस, ओतनै उके पीरा अउ दुख देया, काखे ऊ अपन मन हे कथै, मै रानी के जसना राजगद्दी हे बइठे हव, मै बिधवा नेहको हबो, अउ कबहुन सोक नेहको मनइहों।