5 इहैमेर जीभ देह के अक्ठी नान हस अंग हबै, पय ऊ सक्तिसाली होमै के दाबा के सकथै। देखा, अक्ठी नान हस आगी के तिनगा लग बडा पतेरा आगी लग लेसर जही।
देखा, नाह जिहाज के ऊ केतको बडा काखे न होय अउ बोहत तेज हवा लग भले बहाय जथै, तउभरमा ऊ चलामै बाले के इक्छा के जसना अक्ठी नान हस पतवार लग चलाय जथै।
उन घमंड लग भरे हर बेकार बातन लग उन मनसे देह के अभिलासा हे फसाय लेथै। जउन रास्ता लग भटके मनसेन मसे बाल-बाल बच के निकर आय हबै।
हइ उन मनसे हबै जउन कुडकुडाथै अउ अपन किसमत के कोसथै, अपन इक्छा के दास हबै अउ बडा बात करथै अउ फायदा के निता दूसर के बडाई करथै।