जिहां तक मूरतिन के बलि चढाय हर चीज के खाय के सबाल हबै, हम हइ बात के चुटु-बोहत जानथन कि सगलू दुनिया हे कहुं मूरती हे कुछु नेहको हबै, पय अक्ठी के छांड के अउ कउ भगवान नेहको हबै।
काखे हमर मसे कुछ मनसे चुपके लग घुस आथै, हइ मनसेन के नियाव के बारे हे किताब हे बोहत पहिले आगू कर बात गुठे दय रहै, हइ मनसे भगवान बिहीन हबै। हइ मनसे भगवान के अनुगरह किरपा के बिलास के अक्ठी बहाना बना डारे हबै अउ हइ हमर परभु अक्ठी गुरू यीसु मसीह के नेहको मानथै।
फिर जउन स्वरगदूत अपन पद के बनाय नेहको रखिस, पय अपन निबास हक के छांड दइस, ऊ उनके ऊ भयानक नियाव के रोज के निता अंधियार हे जउन सबरोज के निता हबै बन्धन हे रखे हबै।
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।