12 तुम्हर बातचीत अउ तुम्हर चाल चलन उन मनसेन के जसना होय, जिनखर नियाव आजाद मेर नियम के जसना करे जही।
“परभु कर आतमा मोर संग हबै, काखे ऊ मोर अभिसेक करे हबै, ऊ मोके पठोय हबै, कि मै कंगालन के संदेस सुनाव, अउ जेलियरन के मुकति करो, अउ अंधरन के फेरै आंखी देय के संदेस दों, मै दलित मनसेन के आजाद करव।”
तुम सत्य के जनिहा अउ सत्य तुमही आजाद करही।
तुम अक दूसर के भार उठाबा, अउ इहैमेर मसीह के नियम के पूर करा।
हे भाई आखरी हे हइ बात हबै जउन कुछु सही अउ अदरनीय हबै, अउ खुसी हबै जउन सराहनीय हबै जउन पवितर हबै असना बातन के धियान करा।
तुम जउन कइहा या करा, ऊ सब परभु यीसु के नाम हे करे करिहा, उहै के दवारा तुम भगवान बाफ के धन्यबाद देत रइहा। नियम जीवन के करतब्य
पय जउन मनसे भगवान के सिध्द इक्छा के जसना करै के नेहको बिसरथै, ओखर काम के परिनाम धन्य होही।
पवितर किताब के बचन जसना कथै, “तुम अपन परोसी के अपन जसना मेर माया करिहा” ता मूसा कर राज नियम के पूर करथा, ता तुम निक्खा करथा।