कउनो मनसे दुइठे मालिक के सेबा नेहको कर सकथै, काखे ऊ अकझन लग बैर करही अउ दूसर लग माया करही, या अकझन के इज्जत करही अउ दूसर के नरही, तुम भगवान अउ डेरा दोनोन के सेबा नेहको कर सकथा।
उनखर आंखिन हे गलत कामन लग भररे हर हबै, अउ उन पाप करै लग नेहको चुकै, उन कमजोर आतमा बालेन के ललचोथै, उनखर मन लालच लग भररे हर हबै, उन सराप पाय हरन के लरका हबै,
जसना ऊ अपन सगलू चिट्ठी हे इन बातन के चरचा करथै, उन चिट्ठी हे कुछ असना बात हबै, जउन समझै हे कठिन हबै, जउन अनपढ अउ हुसियार मनसे बिगाड देथै, हइ मेर अपन नास के लेथै।