7 असना मनसे हइ झइ समझै कि मोके परभु लग कुछु मिलही,
पय उके बिस्वास के संग अउ बिना सक के पराथना करै चाही, काखे जउन सक करथै, ऊ समुन्दर के लहरा के जसना हबै, जउन हवा लग इछो-उछो उछलथै।
असना मनसे सक्की मन के बजय लग अपन सगलू आदत हे स्थिर नेहको हबै।
जब तुम मंगतो हबा, इहैनिता नेहको पाउत हबा कि अच्छी तरह लग नेहको मांगथा, तुम अपन सुख बिलास के निता मांगथा।