24 ऊ खुद के देख के कढ जथै, अउ उके सुरता नेहको रथै कि मोर सकल कइसन हबै।
जब इन सगलू चीज इहैमेर नास होमैके जरूरी हबै, ता तुम पवितर चाल चलन अउ भक्ति मेर जीवन जिया।
जउन फरीसी यीसु के नेउता देथै, ऊ हइ देखके मन ही मन कथै, “अगर हइ मनसे ग्यानी मनसे होतिस, ता जरूर जान जातिस, जउन डउकी इके छीथै ऊ कउन अउ कसना हबै, ऊ तो पापिन हबै।”
अउ उहां के सगलू सुनै बाले मनसे अपन मन हे सोचके कथै, पता नेहको, “हइ लरका का बनी?” काखे परभु के हाथ ओखर हे रथै।
काखे हमर संदेस तुम्हर इहां सिबाय सब्द हे नेहको, पय सक्ति, पवितर आतमा अउ बडा बिस्वास के संग पहुंचाय गइस, जसना तुम जानथा, कि हम तुम्हर निता कइसन बन गय रहन।
चेला चकरा गइन अउ कहै लागथै, हइ कइसन मेर के मनसे हबै, कि बडेरा अउ पानी ओखर बात मानथै।
काखे अगर कउ बचन के सिक्छा केबल सुनै बाले हबै अउ पालन नेहको करथै, ऊ उस मनसे के जसना हबै, जउन अपन मुंह अइना हे देखथै।
पय जउन मनसे भगवान के सिध्द इक्छा के जसना करै के नेहको बिसरथै, ओखर काम के परिनाम धन्य होही।