पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
इहैनिता हमु भगवान के धन्यबाद लगेतार करथन, कि जब हमर दवारा भगवान के संदेस के बचन तुम्हर लिघ्घो पहुंचिस, ता तुम उके मनसेन के बचन नेहको पय सहीमा भगवान के बचन समझ के स्वीकार करा, अउ ऊ बचन तुम्हर मन हे, जउन बिस्वास करथा ऊ सक्तिसाली होय।
हे मोर पिरिया भाई अउ बेहन, सुन लेया। का भगवान उन मनसेन के नेहको चुने हबै, जउन दुनिया के नजर हे गरीब हबै, ताकि उन बिस्वास के धन्नड हुइ जाय अउ ऊ राज के बारिसदार बनै, जउन ऊ अपन सेबकन के देय के निता टीमा करे हबै, जउन ओखर लग माया करथै?
हे भाई अउ बेहन, अक दूसर के बुराई झइ करा। जउन अपन भाई या बेहन के बुराई करथै या अपन भाई या बेहन के नियाव करथै, ऊ मूसा कर नियम के बुराई अउ ओखर नियाव करथै। अगर तुम मूसा कर नियम के नियाव करत हबा, ता तुम ओखर नियम के पालन नेहको, बलकि सजा देय बाले बन बइठे हबा।
पय हे मोर भाई, सगलू बडा बात हइ हबै, कि तुम किरिया झइ खइहा, न स्वरग के, न भुंइ के, न कउनो चीज के, पय तुम्हर बातचीत हव के हव अउ नेहको के नेहको होय, कहुं असना झइ होय कि तुम सजा के काबिल हुइ जा।